THE BEST SIDE OF पारदेश्वर शिवलिंग

The best Side of पारदेश्वर शिवलिंग

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घर में पारद शिवलिंग होने से बुरी शक्तियों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। जिस घर में पारद शिवलिंग की पूजा होती है, वहां स्वयं भगवान शंकर का वास होता है।

पारे से बने शिवलिंग का है विशेष महत्व, इसके स्पर्श मात्र से मिलता है पुण्य

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मनः शांति: स्फटिक शिवलिंग मन को शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है। नियमित पूजा से मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।

- गंगा जल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है।

असे झाले कि एका प्लेट मध्ये सफेद कापड ठेऊन त्यावर शिवलिंगाची स्थापना करावी. 

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वैसे तो नर्मदेश्वर शिवलिगं श्रेणी के शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठा की जरूरी नहीं होती है और पारद शिवलिंग भी अपने आप में एक पवित्र लिंगम है पर फिर भी शिवलिंग को घर here में स्थापित करने से पहले उसकी भली प्रकार पूजा अर्चना किया जाना बहुत आवश्यक है। आइये जानते है किसी भी पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा

जोधपुर में जलभराव और बारिश को लेकर कंट्रोल रूम बनाया

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शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है। शिव जी को बेलपत्र अर्पित करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हर एक बेलपत्र में तीन पत्तियां हों और वह पत्तियां कहीं से कटी हुई न हो।

पारद शिवलिंग की दिशा और अपनी अन्य समस्याओं का समाधान जानने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात कर सकते हैं। यह आपकी परेशानियों का सटीक समाधान देंगे।

पुढील लेखात शिव अभिषेख ची अजून माहिती सादर करेन.

शिवलिंग के शब्दिक अर्थ की बात की जाए तो शिव का अर्थ 'परम' कल्याणकारी है और लिंग का अर्थ 'सृजन' या 'प्रतीक' है। तो, शिवलिंग एक तरह से भगवान शिव का प्रतीक है। पुराणों के अनुसार शिवलिंग के मूल में ब्रह्मा, मध्य में भगवान विष्णु और ऊपर के भाग में भगवान शंकर विराजमान हैं।

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